दुर्ग (छत्तीसगढ़)। निजी अस्पतालों के प्रबंधन कि लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज निजी अस्पताल के प्रबंधकों की अहम बैठक ली। बैठक में कलेक्टर ने निजी अस्पताल प्रबंधकों को सख्त निर्देश दिए कि मरीजों के उपचार के मामले में किसी भी तरह की शिकायत आने पाने पर स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रत्येक अस्पताल में रिफरल मरीज एवं डेड बॉडी मैनेजमेंट तथा अन्य मामलों में समन्वय के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। नोडल अधिकारी अस्पताल प्रबंधन के साथ इस संबंध में समन्वय करेंगे ताकि मरीजों को और उनके परिजनों को किसी तरह की दिक्कत ना आए। रिफरल की स्थिति में अस्पताल प्रबंधन नोडल ऑफिसर को जानकारी देंगे। कलेक्टर ने कहा कि गंभीर मरीजों, बुजुर्ग मरीजों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रत्येक हॉस्पिटल में आइसोलेशन वार्ड पृथक से होंगे। कलेक्टर ने हाइटेक हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 7 दिन का प्रतिबंध भी लगाया है। उन्होंने कहा कि सारी स्थिति की कड़ाई से मॉनिटरिंग की जा रही है। नोडल अधिकारियों से समन्वय कर मरीजों को बेहतर से इलाज दें।