भारत-चीन के बीच बढ़ा तनाव, चार दशक बाद पहली बार सीमा विवाद को लेकर एलएसी पर चली गोली

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढता जा रहा है। सोमवार की शाम दोनों तरफ से गोलीबारी की खबर है। एलएसी पर लगभग चार दशक बाद गोली चली है। बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को चेतावनी देने के लिए ही गोली चलाई है। पूर्वी लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जहां गोलीबारी की घटना हुई है, वहां भारत और चीन की सेना तीन महीने से अधिक समय से मौजूद हैं।
बताया जा रहा है कि दक्षिण पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे पर चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। भारतीय सैनिकों ने उन्हें चेतवानी दी, लेकिन चीनी सैनिकों ने फायरिंग करना प्रारंभ कर दिया। इस पर भारतीय सैनिकों ने भी उन्हें चेतावनी देते हुए फायरिंग की।
भारत की तरफ से अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन लगभग चार दशक बाद पहली बार सीमा विवाद को एलएसी पर गोली चली है। यह दर्शाता है कि सीमा पर तनाव का स्तर काफी बढ़ गया है।
इस बीच, चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सेना के प्रवक्ता के हवाले से दावा किया है कि भारतीय सैनिकों ने एलएसी को पार किया। भारतीय सैनिक पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित सेनपाओ पहाड़ी के इलाके में घुस रहे थे। अखबार ने यह भी कहा है कि चीनी सैनिकों ने जब उन्हें रोका तो भारतीय सैनिकों की तरफ से फायरिंग की गई। इसके बाद चीनी सैनिकों ने भी फायरिंग की।
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जबकि शुक्रवार को ही सीमा पर तनाव कम करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंग के बीच मॉस्को में बातचीत हुई थी। 10 सितंबर को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री याग यी के बीच मॉस्को में बातचीत होने वाली है। जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में शामिल होने रूस की राजधानी मॉस्को जाने वाले हैं। एक समाचार पत्र के साथ बातचीत में जयशंकर ने दिन में कहा भी था कि एलएसी पर हालात बहुत ही गंभीर हैं।
बता दें कि पिछले महीने की 29 और 31 तारीख को भी चीनी सैनिकों ने दक्षिण पैंगोंग झील के किनारे घुसपैठ की कोशिश की थी। लेकिन भारतीय जवानों ने उन्हें न सिर्फ आगे बढ़ने से रोक दिया था, बल्कि उससे लगते कई इलाकों में अपनी पकड़ भी मजबूत कर ली है।
इससे पहले 15 जून को गलवन घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं चीन के 35 सैनिक मारे जाने की खबर थी। चीन ने अभी तक यह नहीं बताया है कि उसके कितने सैनिक मारे गए थे।

You cannot copy content of this page