वकील को भारी पड़ा मुंह बंद रखना, वकील को भी जजों के गुस्से का सामना करना पड़ता है

नई दिल्ली। अदालतों में कभी-कभी वकीलों को ज़्यादा बोलने और ज़रूरत से ज़्यादा प्रतिक्रिया देने पर जजों के गुस्से का सामना करना पड़ता है, हालांकि ताज़ा मामला इसके बिल्कुल उलट है। सुप्रीम कोर्ट ने एक वकील को सिर्फ़ इसलिए फटकार लगा दी, क्योंकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जजों के कहने के बावजूद उसने ज्यादातर समय चुप्पी साधे रखी। बाद में कई बार माफी मांगने पर भी कोर्ट ने इसे ग़लत चालबाजी क़रार देते हुए, वकील की कोई बात नहीं सुनी।

यह मामला मंगलवार का है। सुप्रीम कोर्ट की वर्चुअल कोर्ट-4 में जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस नवीन सिन्हा कि बेंच ने एक मामले की सुनवाई के दौरान स्क्रीन पर देखते हुए वकील से मुंह खोलने के लिए कहा। हालांकि, किसी वज़ह से वकील ने जजों के कहने के बावजूद कुछ नहीं बोला। यह साफ़ नहीं है कि उस दौरान कोई तकनीकी खराबी आ गई थी या असावधानी जैसी कोई और वज़ह रही। लेकिन जजों ने एक के बाद एक तीन बार वकील से बोलने के लिए कहा

हालांकि, इसके बावजूद जब वकील ने कुछ नहीं कहा, तो जज नाराज हो गए। जस्टिस नरीमन ने इस मामले को गंभीररता से लेते हुए वकील को चालबाजी करने के लिए लताड़ लगाई। इसके बाद वकील ने अचानक से घबराहट में बोलना शुरू किया और जजों के सामने माफी मांगी। वकील ने कहा कि उसका कोर्ट का समय जाया करने जैसा कोई इरादा नहीं था। वकील ने ध्यान भटकने के लिए एक बार फिर कोर्ट से माफी मांगी।

इसके बाद जब कोर्ट ने गंभीर मुद्रा में ही आदेश पढऩा शुरू किया, तो वकील ने फिर माफी मांगी और जजों से अपनी गलती को आदेश में शामिल न करने के लिए कहा। हालांकि, जस्टिस नरीमन ने इस पर कोई ध्यान न देते हुए फैसले में कहा, सुनवाई के दौरान माइक चालू होने और जजों के लगातार तीन बार बोलने के लिए कहने के बावजूद वकील ने अपना मुंह नहीं खोला। उसने ऐसा जानबूझकर ऐसा नहीं किया, क्योंकि वह सीनियर एडवोकेट का इंतज़ार कर रहा था।

बेंच ने कहा, उसे सीधे कोर्ट को बताना चाहिए था कि वह वरिष्ठ वकील का इंतज़ार कर रहा है। लेकिन उसने चालबाजी की कोशिश की। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। हम नहीं चाहते कि कोई वकील इस तरह से सुनवाई के तरीकों का मज़ाक बनाए। हालांकि, इसके बावजूद हमने वकील की बात सुनी है।

इसके बाद जब वकील ने जब जजों से माफी मांगते हुए अपील की कि वे अपने आदेश से उसकी चालबाजी से जुड़ी बात हटा दें, तो बेंच ने कहा कि वे ऐसा नहीं करेंगे। जजों ने डांट लगाते हुए कहा कि अगर वकील चाहता है, तो वे बार काउंसिल ऑफ इंडिया को लिखकर कार्यवाही के लिए कह सकते हैं। हालांकि, वकील ने इसके बाद दोबारा माफी मांगी और चुप्पी साध ली।