दुर्ग जिले में बच्चों के प्रारंभिक भाषा शिक्षण के लिए ‘हर घर स्कूल’ अभियान प्रारंभ

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। महामारी ‘कोविड -19’ की वजह से मार्च से ही स्कूल प्रदेश के स्कूल बंद चल रहे हैं। इस अवधि में भी बच्चों का पढना लिखना जारी रहे, इसके लिए कक्षा 2 के बच्चों के लिए अगले तीन माह (अगस्त से नवम्बर) हेतु “हर घर स्कूल’’ कैंपेन प्रारंभ किया गया है।

इसके लिए बच्चों के पढ़ने-लिखने के लिए सरल और सुनियोजित अभ्यास पुस्तिका और पठन पुस्तिका एलएलएफ के सहयोग से उपलब्ध करायी गई है। शिक्षक बच्चों एवं पालकों से प्रतिदिन ‘’मिस कॉल गुरु जी‘’ के अंतर्गत 200 शालाओं के 4664 बच्चों को फोन पर जुड़कर मार्गदर्शन देते हैं। इसकी सतत (साप्ताहिक एवं पाक्षिक) मानिटरिंग होती है। एलएलएफ की टीम इस हेतु बच्चों एवं उनके पालकों/शिक्षकों से जुड़कर लगातार मार्गदर्शन प्रदान रही है। आवश्यकता पड़ने पर सी.ए.सी., शिक्षक एवं एलएलएफ टीम द्वारा बच्चों के घर विजिट किया जाता है। इस कार्य हेतु अभिभावक द्वारा वालंटियर का सहयोग भी लिया जा रहा है। इस कार्य हेतु समय समय पर शिक्षक एवं सी.ए.सी. का उन्मुखीकरण किया जाता है। उपरोक्त गतिविधि की जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास बघेल, जिला मिशन समन्वयक सुरेन्द्र पाण्डेय एवं अकादमिक मिशन समन्वयक विवेक शुक्ला द्वारा सतत मानिटरिंग एवं मार्गदर्शन किया जा रहा है।

बता दें कि दुर्ग जिले के 200 स्कूलों में जिसमें दुर्ग विकास खंड के 112 एवं पाटन विकास खंड के 88 प्राथमिक शालाओं में कक्षा 1 व 2 के लिए “नींव अधिगम कार्यक्रम” चलाया जा रहा है। यह जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा दुर्ग एवं लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन (एलएलएफ) के माध्यम से संचालित है, जिसमें बच्चों की भाषाई दक्षता हेतु कार्य किया जा रहा है।