नई दिल्ली। अयोध्या में 5 अगस्त को प्रस्तावित भगवान राम की जन्मस्थली पर मंदिर निर्माण के भूमिपूजन को लेकर सभी में उत्सुकता है। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस की महामारी के चलते भूमिपूजन समारोह में खास लोगों को ही आमंत्रित किया जा रहा है।अयोध्या के राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सोमवार को मीडिया से रूबरू हुए और भूमिपूजन समारोह के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तमाम संत यहां पहुंच गए हैं। संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, सुरेश भैया जोशी भी कल रात तक पहुंचेंगे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को भूमि पूजन कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र नहीं भेजा गया है। उनसे फ़ोन पर बात की गई। उन्होंने ख़ुद आने में असमर्थता जताई है। हमने आयु की वजह से यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह से भी न आने का आग्रह किया है।
2000 नदियों से लाया गया जल और मिट्टी
उन्होंने बताया कि भूमिपूजन के लिए देश की संपूर्ण नदियों का जल मंगवाया गया है। अनेक लोग मानसरोवर का जल भी लाए हैं। रामेश्वरम और श्रीलंका से भी समुद्र का जल आया है। लगभग 2000 स्थानों से जल और मिट्टी लाई गई है। उन्होंने बताया कि ओरिजनल ड्राइंग के आधार पर ही मंदिर निर्माण होगा। जो पत्थर कार्यशाला में तराशकर रखे गए हैं, वे सबसे पहले लगेंगे। 18 अप्रैल से देवताओं का आह्वान शुरू किया गया।
5 अगस्त को होगी गर्भगृह की पूजा
राय ने बताया कि जन्मस्थान पर पूजा शुरू की गई है। 108 दिन से स्थान देव की पूजा की जा रही है। आज सोमवार को वहां गणपति की पूजी शुरू की गई। कल हनुमानगढ़ी की पूजा की जाएगी। पांच अगस्त गर्भगृह में पूजा की जाएगी। एक शिलापट्ट का अनावरण भी होगा।
यूपी सरकार ने जारी किया टिकट
यूपी सरकार ने मंदिर मॉडल का एक डाक टिकट जारी किया है। उसका भी अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। राय ने बताया कि समारोह में मंच पर संत नृत्यगोपालदास, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यानी कुल पांच लोग ही मौजूद रहेंगे।