ऑपरेशन ग्रीन स्कीम, आलू, प्याज, टमाटर के साथ अब फल और सब्जियां भी शामिल, मिलेगा 50 प्रतिशत अनुदान

रायपुर (छत्तीसगढ़)। कोरोना संक्रमण के चलते उद्यानिकी की खेती करने वाले कृषकों को आर्थिक नुकसान से बचाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के दायरे को बढ़ाए जाने की घोषणा की गई है। इस स्कीम में आलू, प्याज, टमाटर के साथ अब विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों को भी शामिल किए जाने की घोषणा आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तीसरे भाग में की गई है। इसके तहत अधिक उत्पादन वाले स्थान से कम उत्पादन वाले स्थान पर परिवहन हेतु 50 प्रतिशत परिवहन अनुदान तथा भण्डारण शीतगृह में योग्य फसलों के भण्डारण हेतु 50 प्रतिशत अनुदान का प्रस्ताव किया गया है।
ऑपरेशन ग्रीन स्कीम मुख्य रूप से टमाटर, प्याज और आलू के सामूहिक विकास से संबंधित है जिसके दो प्रमुख घटकों में पहला मूल्य का स्थिरीकरण एवं संतुलन (कम अवधि) एवं दूसरा सामूहिक श्रृंखला का विकास करना (लंबी अवधी) है। परन्तु कोरोना संक्रमण महामारी की वजह से यह श्रृंखला प्रभावित हुई है और किसान अपनी उपज बाजार में नहीं बेच पा रहे हैं। कृषकों को होने वाले आर्थिक नुकसान की क्षतिपूर्ति ही इस स्कीम के दायरे को बढ़ाने का उद्देश्य है। भारत शासन द्वारा जारी नए दिशा-निर्देश से लॉकडाउन की वजह से बाजार में सब्जियों एवं फलों की कम दर में ब्रिकी और पोस्ट हार्वेस्ट की हानि भरपाई हो सकेगी।  
ऑपरेशन ग्रीन स्कीम के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के द्वारा योजना को टमाटर, प्याज और आलू से बढ़ाकर अब इसमें फलों में आम, केला, अमरूद, किवी, लीची, पपीता संतरा, अनानास, अनार एवं कटहल तथा सब्जियों में राजमा, करेला, बैंगन शिमला मिर्च, गाजर, फूलगोभी, भिण्डी को शामिल किया गया है। इस योजना में इसके अलावा अन्य फल एवं सब्जियों को भविष्य में कृषि मंत्रालय की अनुसंशा पर जोड़ा जा सकता है। यह योजना 11 दिसम्बर 2020 तक प्रभावी होगी आवश्यकता होने पर केंद्र शासन द्वारा अवधि बढ़ाई जा सकती है।
खाद्य प्रसंस्करण, किसान उत्पादक संगठन एवं किसान उत्पादक संस्था, सहकारी समिति, व्यक्तिगत कृषक, अनुज्ञप्ति धारक प्रतिनिधि, निर्यातक राज्य विपणन, रिटेल आदि जो फलों एवं सब्जियों के विपणन एवं प्रसंस्करण कार्य में लगे हुए हैं, उन्हें इस योजना के क्रियान्वयन हेतु पात्र संस्था घोषित किया गया है।