नई दिल्ली। मोदी सरकार ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी। नई शिक्षा नीति में 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह ख़त्म कर दिया गया है। अभी तक हमारे देश में स्कूली पाठ्यक्रम 10+2 के हिसाब से चलता है लेकिन अब ये 5+ 3+ 3+ 4 के हिसाब से होग।
नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव करते हुए 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह ख़त्म कर दिया गया है। अभी तक हमारे देश में स्कूली पाठ्यक्रम 10+2 के हिसाब से चलता है लेकिन अब ये 5+ 3+ 3+ 4 के हिसाब से होगा। इसका मतलब है कि अब स्कूली शिक्षा को 3-8, 8-11, 11-14 और 14-18 उम्र के बच्चों के लिए विभाजित किया गया है। इसमें प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक एक हिस्सा, फिर तीसरी से पांचवीं तक दूसरा हिस्सा, छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नौंवी से 12वीं तक आखिरी हिस्सा होगा।
सरकार के मुताबिक, इसका मकसद अब तक दूर रखे गए 3-6 साल के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का प्रावधान है, जो बच्चे के मानसिक विकास के लिए ज़रूरी है। नई प्रणाली में तीन साल की आंगनवाड़ी / प्री स्कूलिंग के साथ 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी।
नई शिक्षा नीति में आर्ट्स एवं साइंस, पाठ्यक्रम और पाठ्येतर गतिविधियों के बीच और व्यावसायिक और शैक्षणिक विषयों के बीच कोई सख्त अंतर नहीं होगा। छात्रों को नई शिक्षा नीति के तहत लचीलापन मिलेगा और पसंदीदा विषय चुनने के लिए कई विकल्प दिए जाएंगे। स्कूलों में छठीं क्लास से ही व्यावसायिक शिक्षा शुरू हो जाएगी और इसमें इंटर्नशिप शामिल होगी।
सरकार द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, स्कूल के पाठ्यक्रम और अध्यापन-कला का लक्ष्य होगा कि 21वीं सदी के प्रमुख कौशल या व्यावहारिक जानकारियों से विद्यार्थियों को लैस करके उनका समग्र विकास किया जाए और अनुभवात्मक शिक्षण पर अधिक फोकस करने के लिए पाठ्यक्रम को कम किया जाए.