दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कचांदुर स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कालेज में जल्द ही कोरोना से संक्रमित बिना लक्षण वाले मरीजों का इलाज आरंभ हो जाएगा। इसकी तैयारियां अंतिम चरण में है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने मेडिकल कालेज हास्पिटल का निरीक्षण किया। वे लगभग तीन घंटे सेंटर में रहे और उन्होंने कोविड केयर सेंटर से जुड़ी हुई अधोसंरचनाओं का अवलोकन किया। तैयारियों से उन्होंने संतुष्टि जताई। उन्होंने हास्पिटल के संपूर्ण वार्डों का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने वार्डों में वेंटीलेशन की सुविधा से लेकर खिड़की, दरवाजे, टायलेट और बेड आदि की व्यवस्था का जायजा लिया। साथ ही उन्होंने हर वार्ड में हैंड सैनेटाइजर और हैंडवाश रखने की उचित व्यवस्था के निर्देश भी दिये। कलेक्टर ने कैंपस में कोरोना वारियर्स की सुरक्षा के लिए इंतजाम भी देखे। इसके लिए उन्होंने पीपीई किट की उपलब्धता एवं कोविड वारियर्स की संक्रमण से सुरक्षा के लिए अन्य आवश्यक उपायों का अवलोकन किया। भिलाई आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी के निर्देश पर निगम अमला संपूर्ण तैयारियों में जुटा हुआ है। स्वयं निगम आयुक्त कैंपस मे उपस्थित रहकर व्यवस्था संभाले हुए हैं! महापौर व भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव ने जिले में कोरोना के संक्रमण को ध्यान को रखते हुए सीसीएम मेडिकल कालेज को कोविड केयर सेंटर बनाए जाने को लेकर पहल की थी। कलेक्टर के निर्देश पर निगम प्रशासन की टीम पिछले तीन दिन से कचांदुर स्थित सीसीएम मेडिकल काॅलेज को कोविड केयर सेंटर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। वार्ड की साफ-सफाई से लेकर अन्य कार्य को पूरा करने में जुटी हुई है ताकि मेडिकल काॅलेज को पूर्ण रूप से कोविड हास्पिटल के रूप में तब्दील किया जा सके और यहां भर्ती होने वाले मरीजों को किसी भी प्रकार से परेशानी का सामना न करना पड़े।
750 से अधिक बेड की होगी व्यवस्था
सीएचएमओ ने बताया कि मेडिकल काॅलेज परिसर में सिर्फ कोरोना से संक्रमित बिना लक्षणों वाले मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जाएगा। मेडिकल काॅलेज तीन मंजिला है। जहां कुल 22 वार्ड है। इस कैंपस में और भी रिक्त अन्य कमरों का उपयोग किया जाएगा!
सीसीटीवी से होगी निगरानी
मेडिकल कॉलेज कैंपस सीसीटीवी से लैस होगा। प्रवेश द्वार से लेकर वार्डों के गतिविधियों की सीसीटीवी कैमरे से मानिटरिंग किया जाएगा। चिकित्सकों की टीम कैमरे के माध्यम से 24 घंटे भर्ती मरीजों पर नजर रखेंगे। निगम प्रशासन ने चिकित्सकों की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए हाॅस्टल में चिकित्सकों के ठहरने की व्यवस्था भी किया गया है।
डॉफिंग एरिया भी तैयार
चिकित्सकों के लिए डॉफिंग एरिया तैयार किया गया है, जहां पर प्रवेश एवं निकास के दौरान पीपीई किट इत्यादि सुरक्षात्मक तरीके से अपना सकेंगे।