दुर्ग (छत्तीसगढ़)। खाद्य विभाग के सामने शहर के प्रतिष्ठित चावल उद्योग के ब्रांड से मिलते-जुलते नाम से बाजार में चावल विक्रय किए जाने की शिकायत सामने आई है। मामले की पड़ताल प्रारंभ कर दी गई है। पडताल में विभाग को नकली ब्रांड का चावल तो नहीं मिला, लेकिन बिना मार्का व नाम का 30 बोरा चावल जरूरत बरामद किया गया है।
खाद्य विभाग में गोपी साहू द्वारा दुर्ग के प्रतिष्ठित चावल उद्योग के दो नाम ब्रांड से मिलते जुलते नाम और लोगो लगाकर बाजार में नकली चावल खपाए जाने की शिकायत की गई थी। शिकायतकर्ता ने बताया है कि सिद्धि विनायक और नीलकंठ नामक ब्रांड के मिलते-जुलते नाम और लोगो के साथ उत्पादक उद्योग का भी मिलता-जुलता नाम लिख लिया गया है। इस पर खाद्य और नाप तौल विभाग के अधिकारियों ने संदेह के आधार पर भिलाई के दो प्रतिष्ठानों में दबिश देकर जांच की। यहां 30 बोरा बिना नाम और मार्का का चावल पकड में आया। प्रतिष्ठान संचालक चावल के संबंध में दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं कर पाया। इस पर खाद्य विभाग द्वारा चावल का सेम्पल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। वहीं नाप तौल द्वारा बिना मूल्य प्रदर्शन विक्रय के मामले में कार्रवाई की जा रही है।
यह दबिश खाद्य, औषधि प्रशासन और विधिक माप विभाग की संयुक्त टीम ने भिलाई के हिमांशु ट्रेडर्स और सदाराम ट्रेडर्स में दी गई। इसमें हिमांशु ट्रेडर्स में नीलकंठ नाम से 30 बोरा चावल (25 किलो/बोरा) पाया गया। बोरो में उत्पादक का नाम, एफएसएसएआई का मार्का, अधिकतम खुदरा मूल्य, वैधता तिथि, पैकिंग तिथि भी दर्ज नहीं था। सदाराम ट्रेडर्स में ऐसा कोई भी मामला नहीं पाया गया।
हिमांशु ट्रेडर्स के संचालक हरिओम यादव से पूछताछ किए जाने पर चावल धमतरी के साक्षी गोपाल राइस मिल से खरीदना बताया गया। लेकिन संचालक कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा पाया। बताया जाता है कि चावल के बारदानों में शिकायतकर्ता के ब्रांड से काफी हद तक मिलता जुलता लोगों पाया गया है।
मामले में खास बात यह है कि पकड़े गए चावल के कई बोरों में निर्माता का नाम सीताराम राइस मिल गंजपारा लिखा हुआ है। जबकि दुर्ग के गंजपारा में इस नाम का राइस मिल ही नहीं है। गंजपारा में शिकायतकर्ता द्वारा बताए गए नामी ब्रांड के निर्माता का राइस मिल है। इस तरह निर्माता के नाम से भी भ्रम फैलाने का प्रयास सामने आया है।
मामले में खुदरा मूल्य, निर्माण की तिथि आदि दर्ज नहीं होने के कारण ट्रेडर्स संचालक के खिलाफ पैकेजिंग एंड कमोडिटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। इसके अलावा चावल का सेम्पल लेकर फिलहाल संचालक की सुपुर्दगी में रखवाया गया है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। कार्रवाई सहायक नियंत्रक माप तौल कुंजाम के नेतृत्व में किया गया।