निगम ने मिटाई पूर्व महापौर और पार्षद की तस्वीर, शिकायत के बाद नहीं किया सुधार, भाजपाईयों ने लगाया नया पोस्टर

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नगर निगम में पूर्व महापौर चंद्रिका चंद्राकर और वार्ड 60 की पूर्व पार्षद अलका बाघमार की निधि से निर्मित यात्री प्रतीक्षालय में लगे फोटो और नाम पट्टिका में पेंट पोतकर मिटा देने का मामला गरमाने लगा है। इससे नाराज भाजपा पार्षद दल ने कमिश्नर इंद्रजीत बर्मन का घेराव कर शिकायत भी दर्ज कराई थी, लेकिन 15 दिन बाद भी नया पोस्टर नहीं लगाया गया। इससे नाराज भाजपा पार्षदों ने मंगलवार को खुद मोर्चा संभालते हुए यात्री प्रतीक्षालय में नया पोस्टर लगवा दिया। भाजपा पार्षदों ने सत्तापक्ष पर ओछी राजनीति का आरोप लगाया है। उन्होंने पेंट करने वाले के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी एक बार फिर से दी है।
आपको बता दें कि वार्ड 60 कातुलबोर्ड में भाजपा की पूर्व पार्षद अल्का बाघमार की पार्षद निधि की 3 लाख से बस स्टॉप बनाया गया है। जिसे चुनाव से पहले पूर्व महापौर चंद्रिका चंद्राकर ने लोकार्पित किया था। बस स्टॉप पर पूर्व महापौर व तत्कालीन वार्ड पार्षद अल्का बाघमार की फोटो व नाम की पट्टिका लगाई गई थी। जिसे 27 जून को किसी ने पेंट से पोतकर मिटा दिया था। भाजपा नेताओं का आरोप है कि सत्तापक्ष के नेताओं द्वारा निगम में दो कर्मचारियों पर दबाव बनाकर पेंट लगवाया गया था, ताकि मौजूदा पार्षद की फोटो लगवाया जा सके। इस पर नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा की अगुवाई में 29 जून को पार्षदों ने आयुक्त इंद्रजीत बर्मन का घेराव कर कार्रवाई की मांग भी की थी, लेकिन 15 दिन बाद भी निगम प्रशासन की ओर से कोई भी पहल नहीं की गई।
मंगलवार की दोपहर पूर्व महापौर चंद्रिका चंद्राकर और नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा के नेतृत्व में भाजपा नेता व पार्षद कातुलबोर्ड पहुंचे। इस दौरान वे अपने खर्च पर तैयार कराए गए पूर्व महापौर और पूर्व पार्षद की फोटो और नाम पट्टिका लेकर गए थे। यहां नेताओं ने खुद मौजूद रहकर पोस्टर लगवाया।
इस दौरान भाजपा नेताओं ने फोटो व नाम पट्टिका हटाने और शिकायत के बाद भी सुधार व कार्रवाई नहीं किए जाने पर नाराजगी जाहिर की। भाजपा नेताओं ने कहा कि दोबारा शहर में कहीं भी फोटो और नाम पट्टिका हटाने अथवा मिटाने जैसा काम किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। नेताओं ने दोषियों पर कार्रवाई की भी मांग की।
इस संबंध में पूर्व महापौर चंद्रिका चंद्राकर ने कहा कि यह कृत्य निंदनीय है। निगम प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए। यह सरकारी संपत्ति को बिगाडऩे का मामला है। इस पर गंभीरता से कार्रवाई किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि मेरे और मेरे परिषद के कई पार्षदों की निधि के काम अब भी चल रहे हैं।
वहीं निगम नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा ने कहा कि शिकायत के बाद भी सुधार पर कार्रवाई नहीं करना, निगम प्रशासन की कार्यशैली को दर्शाता है। यह शहर के सौहाद्रपूर्ण वातावरण को बिगाडऩे की साजिश है। जल्द दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई या भविष्य में घटना की पुनरावृत्ति हुई तो आंदोलन किया जाएगा।