नई दिल्ली। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर संकट और गहरा गया है। यह स्थिति सचिन पायलट को गहलोत द्वारा पूछताछ के लिए नोटिस भेजे जाने के बाद बन गई है। नाराज पायलट दिल्ली में है और कांग्रेस आलाकमान के साथ ही भाजपा के संपर्क में भी है। कांग्रेस आलाकमान ने नोटिस जारी किए जाने पर गहलोत के प्रति नाराजगी जाहिर की है और सचिन पायलट से सभी मुद्दों पर चर्चा की है। वहीं बताया जाता है कि भाजपा ने पहले गहलोत सरकार को गिराए जाने की शर्त रखीं हैं। हालांकि भाजपा ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने से इंकार कर दिया है, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थन में 45 विधायक है। सचिन पायलट को 16 कांग्रेस व 3 निर्दलीय विधायकों कि समर्थन होने का दावा किया जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान से चर्चा के दौरान सचिन पायलट ने भाजपा में शामिल न होने की बात कही है, लेकिन क्षेत्रीय दल बनाए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया है।